thar times | सरसों की खेती | नमस्कार किसान साथियो रबी फसलो का सीजन पीक पर चल रहा है। ऐसे में सरसों की निजी का भी उपयुक्त समय चल रहा है आज के इस लेख के माध्यम से किसानो के लिए एक बेहतरीन जानकारी सरसों की खेती को लेकर के आये है। सरसों की बिजाई रोग उपचार सहित अन्य प्रमुख जानकारी निम्न प्रकार है
सरसों में बेहतर उत्पादन के लिए जरूरी कार्य
सरसों की फसल में बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी कार्यों का ध्यान रखना आवश्यक है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
- कीट प्रबंधन
sarson सरसों उगने के बाद यदि कीट लगा हुआ है, तो मैलाथियान 5% डीपी या क्यूनालफॉस 1.5% या फेनवेलरेट 0.4% डीपी में से कोई भी एक दवाई 20 किलो प्रति हेक्टेयर या 5 किलो प्रति बिघा के हिसाब से भुरकाव करें।
- पौधों की दूरी
पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे की दूरी एकदम सही होनी चाहिए। यदि सरसों की फसल सघन है, तो निदाई-गुड़ाई के समय विरलीकरण कर पौधे से पौधा 20 से.मी. और कतार से कतार 45 से.मी. पर रखें।
- जिंक सल्फेट का उपयोग
पहले पानी में या बुवाई के समय जिंक सल्फेट 20 किलो प्रति हेक्टेयर डालने से फुटाव अच्छी होगी।
- सल्फर का उपयोग
यदि बुवाई में सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग नहीं किया गया है, तो पहले पानी में सल्फर 20 किलो प्रति हेक्टेयर (5 किलो प्रति बिघा) के हिसाब से डालें। इससे तेल की मात्रा बढ़ेगी।
- स्क्लेरोशिया रॉट प्रबंधन
स्क्लेरोशिया रॉट जो कि स्क्लेरोटिनिया स्क्लेरोटियोरम नामक फफूंद के कारण होता है, के लिए गंभीर संक्रमण की स्थिति में कार्बेन्डाज़िम 50% को 200 ग्राम प्रति बीघा के हिसाब से पहले पानी के साथ डालें। इसके अलावा, टेबुकोनाज़ोल या प्रोपिकोनाज़ोल जैसे फफूंदनाशकों से मिट्टी में ड्रेंचिंग करें।
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सरसों की खेती को बनाये बेहतर
- सरसों उगने के बाद यदि कीट लगा हुआ है तो आप मैलाथियान 5% डीपी या क्यूनालफॉस 1.5% या फेनवेलरेट 0.4% डीपी में से कोई भी एक दवाई 20 किलो प्रति हेक्टेयर या 5 किलो प्रति बिघा के हिसाब से भुरकाव करें
- पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे की ये दूरी एक दम सही है आपकी सरसों यदि सघन है तो आप निदाई गुड़ाई के समय विरलीकरण कर पौधे से पौधा 20 एवं कतार से कतार 45 सेंटीमीटर पर रखें
- पहले पानी मे या वुबाई के समय जिंक सल्फेट 20 किलो प्रति हेक्टेयर डालने से फुटान अच्छी होगी
- यदि वुबाई में सिंगल सुपर फास्फेट काम नही लिया है तो आप पहले पानी मे सल्फर 20 किलो प्रति हेक्टेयर (5 किलो प्रति बिघा) के हिसाब से डालें इससे तेल की मात्रा बढ़ेगी
- स्क्लेरोशिया रॉट जोकि स्क्लेरोटिनिया स्क्लेरोटियोरम नामक फफूंद के कारण होता है गंभीर संक्रमण की स्थिति में कार्बेन्डाज़िम 50% को 200 ग्राम प्रति बीगा के हिसाब से पहले पानी के साथ डालें एवं पानी ज्यादा नही डालें इसके अलावा टेबुकोनाज़ोल या प्रोपिकोनाज़ोल जैसे फफूंदनाशकों से मिट्टी में ड्रेंचिंग करें। इससे सरसों का तना पकते समय टूटकर नही गिरेगा ।
नोट – किसी भी तरह के रसायन के उपयोग से पहले अपने नजदीकी कृषि सहायक से विचार विमर्श जरुर करे